क्या जानवर के चमड़े का इस्तेमाल कर बनाया जाता है मिठाई पर लगने वाला चांदी-सोने का वर्क? इसके बारे में प्रस्तुत है हिंदी में जानकारी

आपने अक्सर मिठाईयों पर चांदी-सोने की परत चढ़ी देखी होगी, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये बनती कैसे है? क्या वो असली चांदी या सोने की होती है? चलिए जान लेते हैं।
जब भी मिठाई की दुकान पर जाते हैं तो अधिकतर मिठाइयों पर चांदी का वर्क लगा होता है। कई मिठाइयों पर तो सोने का वर्क भी चढ़ाया जाता है। इन चांदी के वर्क को लेकर कई तरह की रिपोर्ट सामने आती हैं। जिसके बारे आज हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं।

कैसे तैयार होती हैं चांदी-सोने की परतें?

एक चांदी के वर्क को तैयार करने के लिए लगभग 3 घंटे की कुटाई और उसे सही आकार देने में भी लगभग 3 घंटे का समय लगता है। इस तरह 10 ग्राम चांदी से लगभग 150 वर्क तैयार किए जा सकते हैं। लेकिन चांदी के वर्क के मुकाबले में सोने के वर्क में ज्यादा मेहनत करनी होती है। चांदी के मुकाबले सोना महंगा और थोड़ा मजबूत होता है। इसलिए सोने के वर्क की कुटाई में ज्यादा समय लगता है। सोने के वर्क को तैयार करने में 6 घंटे का समय कुटाई में लग जाता है। इसके अलावा 3 घंटे का समय उसे आकार देने में लगता है। ये काम खासतौर पर महिलाएं करती हैं। वहीं इसकी कुटाई का काम पुरुष करते हैं। इस तरह 10 ग्राम सोने से तैयार होने वाले 150 वर्क में 8 से 9 घंटे का समय आराम से लग जाता है।

कारीगरों की बढ़ी चुनौतियां

वक्त के साथ काम करने वाले कारीगरों की चुनौतियां भी बढ़ी हैं। ऐसे में अब भी कई लोग इस काम में जुटे हुए हैं, लेकिन मजदूरी के नाम पर उन्हें 250 से 300 रुपये ही मिलते हैं। जो आज के दौर में काफी कम है। लेकिन, अब मशीनों के जरिए इसे बनाने का तरीका अलग हो गया है। अब मशीनों के जरिए भी चांदी के वर्क का निर्माण किया जाता है और इसमें काफी मिलावट होने की भी दावे किए जाते हैं।

क्या सही में वर्क चमड़े में पीट-पीटकर बनाया जाता है?

सोशल मीडिया पर कुछ तथ्य वायरल हैं कि चांदी का वर्क बनाने के लिए गाय को मारा जाता है और उसके पेट से आंत निकालकर उसके अंदर चमकीली चांदी जैसी धातु का टुकड़ा परत-दर-परत आंत में लपेट कर रखा जाता है कि उसका खोल बन जाए। उसके बाद लकड़ी के हथौड़े से जोर-जोर से पीटा जाता है, जिससे आंत फैल जाती है और आंत के साथ धातु का टुकड़ा वर्क के रूप में पतला होता चला जाता है। लेकिन, ऐसा नहीं है।

वर्क बनाने के लिए चांदी को पीटने की जरुरत होती है तो पहले चमड़े का एक बैग बनाकर उसे पीटा जाता था, लेकिन अब काफी काम मशीनों से होता है। अब वर्क बनाने के लिए पशुओं के किसी भी अंग को इस्तेमाल करने पर प्रतिबंधित लगा दिया गया। लेकिन, चमड़े का इस्तेमाल पहले किया जाता था, क्योंकि चमड़ा लंबे वक्त तक फटता या खराब नहीं होता था।
वहीं मिलावट करने वाले ने भी बाजारों में अपनी जगह बना ली है। आज के समय में न सिर्फ चांदी-सोने के ब्लकि एल्युमीनियम के वर्क भी बेचें जा रहें हैं जो सेहत के लिए काफी हानिकारक है।

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