प्लेन में एसी क्यों नहीं होता बंद ? कौन करता है एसी का टेम्परेचर कंट्रोल, इसके बारे में प्रस्तुत है हिंदी में जानकारी

हमारे आसपास बहुत सी चीजें ऐसी होती है जिन्हें देख कर उनके बारे में जानने की इच्छा हमें होती है। लेकिन संकोच वश हम किसी से पुछ नहीं पाते। एक ऐसे ही सवाल का जवाब आज हम आपको देने जा रहे है।
हम में से ज्यादातर लोगों ने प्लेन से यात्राएं तो की ही होगी। आमतौर पर जब हम प्लेन में यात्रा करते हैं तो कई बार एसी का टेम्परेचर इतना कम कर दिया जाता है कि आराम से बैठना भी मुश्किल हो जाता है। आखिर प्लेन में इतना ठंडा माहौल रखा क्यों जाता है? इसके पीछे की वजह सिर्फ यात्रियों को आराम देना होता है या फिर कुछ और ही इसका कारण है, जो एसी के टेम्परेचर को बढ़ाया नहीं जाता है।

हवाई जहाज में क्यों रहती है इतनी ठंड?

आपको जान कर हैरानी होगी कि हवाई जहाज का तापमान कोकपीट में बैठा पायलट कंट्रोल करता है। वो ये तय करते हैं कि केबिन का टेम्परेचर चिलिंग यानि सामान्य से ज्यादा ठंडा रहे। यही वजह है कि अगर कोई यात्री कहता भी है कि उसे बहुत ठंड लग रही है, तो भी तापमान बढ़ाया नहीं जाता। इसके पीछे कारण ये होता है कि प्लेन में अगर कोई ऐसा यात्री हो, जो बेहोश हो जाता हो या फिर उसे मोशन सिकनेस से उल्टी आने की दिक्कत हो, तो उसे रोका जा सके। तापमान कम होने से इस तरह की समस्याएं कम हो जाती हैं।

विशेषज्ञ की राय

लेकिन इसके अलावा विशेषज्ञ ये भी बताते हैं कि तापमान के लिए शिकायत करने से बेहतर है कि आप घर से स्वेटर या कंबल अपने साथ ले जाएं, ताकि आराम से आपका सफर बीत सके। इसके अलावा अगर किसी टूरिस्ट प्लेस पर जाना है तो सुबह-सुबह न जाएं क्योंकि ज्यादातर लोग यही समय चुनते हैं। बेहतर है कि इस जगह के खुलने के वक्त ही वहां पहुंचें। सुबह 6 -7 बजे के समय के बजाय 10 बजे के बाद का समय ठीक रहता है।

ऐसी रोचक जानकारियों के लिए के लिए पढते रहें https://hindimeinjankari.com

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top