भोपाल में घूमने के लिए बड़ा तालाब ( अपर लेक), छोटा तलाब, वन विहार नेशनल पार्क, ताज- उल- मस्जिद और भी बहुत कुछ देखने और घूमने के लिए है.
भोपाल शहर को झीलों की नगरी भी कहा जाता है. अपर लेक भोपाल की सबसे महत्वपूर्ण झील है.
अपर लेक का नाम राजा भोजताल के नाम पर रखा गया है. इसलिए अपर लेक को भोजताल के नाम से भी जाना जाता है. भोपाल शहर का अपर लेक देश की सबसे पुरानी झीलों में से एक है
भोपाल शहर में अपर लेक के पास ही वन विहार भी स्थित है. जिसे वन विहार नेशनल पार्क नाम से जाना जाता है. भोपाल घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए यह बहुत बड़ा आर्कषण का केन्द्र हुआ है.
भोपाल का वन विहार राष्ट्रीय उद्यान जानवरों के अवैध शिकार और अन्य अवैध गतिविधियों से पूरी तरह से सुरक्षित है. वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में जानवरों को दो भागो में बांटा गया है.
पर्यटक वन विहार नेशनल पार्क घूमने के लिए सफारी राइड ले सकते है, जिससे आपकी वन विहार नेशनल पार्क की यात्रा अत्यधिक सुखद हो जाती है.
भोपाल शहर का गोहर महल शहर के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है. इस महल का नाम भोपाल की पहली महिला शासक कुदिसिया बेगम के नाम पर रखा गया है. जिन्हें गोहर बेगम के नाम से भी जाना जाता है.
भोपाल शहर में गोहर महल के पास ही शौकत महल भी स्थित है, जिसका इतिहास 180 साल पुराना है. शौकत महल को 19वीं शताब्दी में गोहर बेगम की बेटी सिकंदर बेगम के शासनकाल में बनवाया गया था.
भोपाल शहर के शौकत महल की वास्तुकला में इंडो-इस्लामिक और यूरोपीय शैलियों का एक अनूठा मिश्रण दिखाई पड़ता है.
भीमबेटका की गुफांए भोपाल शहर से 46 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जिनके बारे में माना जाता है कि यह स्थान महाभारत के भीम के चरित्र से संबंधित है, इसलिए इसका नाम भीमबेटका पड़ा है.
भीमबेटका में 500 से अधिक गुफाओं का घर है. पांच सौ से भी से ज्यादा शिलाचित्र है, जो लगभग 30,000 साल पुरानी मानी जाती है.
भोपाल शहर की भीमबेटका को 2003 में वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया गया था. भोपाल की भीमबेटका सभी आयु वर्ग के पर्यटकों के लिए घूमने की शानदार जगहों में से एक है.
भोपाल शहर की मोती मस्जिद की वास्तुकला बहुत ही सुन्दर और मनमोहक है. भोपाल शहर की मोती मस्जिद का निर्माण संगमरमर के पत्थर और लाल रंग के पत्थरों से हुआ है. सफेद चमचमाती संगमरमर के कारण इसे पर्ल मस्जिद के नाम से जाना जाता है.
भोपाल शहर में लक्ष्मी नारायण मंदिर में दर्शन के बिना भोपाल की यात्रा अधूरी है. भोपाल के इस मंदिर को बिरला मंदिर के नाम से जाना जाता है. बिरला मंदिर का निर्माण बिरला परिवार द्वारा भारत में बनवाए 18 मंदिरों में से एक है.
भोपाल शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर भोजपुर शिव मंदिर है. जिसे भोजेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. भोपाल के भोजपुर मंदिर को राजा भोज के शासनकाल के दौरान 11वीं शताब्दी में निर्माण करवाया गया था.
स्मार्टफोन का करो सही इस्तेमाल और बिना किसी इन्वेस्टमेंट के कमाओ हज़ारो रूपये हर रोज