क्रेडिट कार्ड आज के समय में हम सबकी जीवनी का एक हिस्सा बन गया है. जबसे नोटबंदी हुई है और कैशलेस इंडिया (CashLess India) हुआ है.

तबसे भारी मात्रा में लोग क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने लगे है. लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे है, क्रेडिट स्कोर (Credit Score) के खराब होने के नुकसान क्या है.

कमजोर क्रेडिट स्कोर का एक और बड़ा नुकसान सिक्यॉर्ड लोन के दौरान भी होता है. अगर आप गोल्ड लोन, सिक्यॉरिटीज लोन के लिए अप्लाई करते हैं.

तो बैंक लोन तो देगा लेकिन आपके हर दस्तावेज की गंभीरता से जांच करेगा. ऐसे में कमजोर क्रेडिट स्कोर से आपको लोन मिलने में देरी हो सकता है.

अगर बैंक ऐसे कस्टमर्स को लोन देने के लिए तैयार भी हो जाता है तो वह ज्यादा इंट्रेस्ट रेट चार्ज करेगा. क्रेडिट स्कोर आपकी फाइनेंशियल प्रूडेंस के बारे में जानकारी देता है.

यह बताता है कि आप लोन को जल्द से जल्द चुकाना चाहते हैं जो बैंकिंग कारोबार के लिए अच्छा है. क्रेडिट स्कोर के कारण जब इंट्रेस्ट रेट ज्यादा होगा तो दूसरे ग्राहकों के मुकाबले आपको ज्यादा चुकाना भी होगा.

इससे आपकी फाइनेंशियल सेहत पर और बुरा असर होगा. ऐसे में समय पर लोन का भुगतान करें, जिससे क्रेडिट स्कोर मजबूत होगा. इसका फायदा हर जगह मिलेगा.

अगर आपका क्रेडिट स्कोर कमजोर हैं तो बैंक के अलावा NBFC यानी नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनीज भी आपको फ्रेश लोन देने से मना कर देंगे. क्रेडिट स्कोर आपके रीपेमेंट हिस्ट्री के बारे में बताता है.

इसके अलावा बिजनेस के लिए किसी प्रॉपर्टी को लीज पर लेने में भी परेशानी होगी. अगर क्रेडिट स्कोर कमजोर होगा तो इंश्योरेंस कंपनियां ज्यादा प्रीमियम चार्ज करती हैं.

ऐसा माना जाता है कि अगर किसी शख्स का क्रेडिट स्कोर कमजोर है तो वह इंश्योरेंस कंपनी से ज्यादा क्लेम फाइल करेगी.

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