वास्तु के अनुसार घर का मेन गेट बहुत ही खास माना जाता है, क्योंकि यहीं से सबसे ज्यादा एनर्जी घर में प्रवेश करती है.

 कुछ उपाय अपनाए जाएं तो घर में पॉजिटिव वातावरण बनता है.

 ध्यान रखा जाए तो घर में खुशी और सुख-शांति हमेशा बनी रहेंगी. प्रमुख द्वार सदियों तक सुखद व मंगलमय अस्तित्व को बनाए रखने में सक्षम होते हैं.

इसका रखें विशेष ध्यान- किसी भी मकान का एक प्रवेश द्वार शुभ माना जाता है. अगर दो प्रवेश द्वार हों तो उत्तर दिशा वाले द्वार का प्रयोग करें.

पूर्वमुखी भवन का प्रवेश द्वार या उत्तर की ओर होना चाहिए. इससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है तथा दीर्घ आयु व पुत्र धन आता हैं.

पश्चिममुखी मकान का प्रवेश द्वार पश्चिम या उत्तर-पश्चिम में किया जा सकता है, लेकिन दक्षिण-पश्चिम में बिल्कुल नहीं होना चाहिए.

भूखंड कोई भी मुखी हो, अगर प्रवेश द्वार पूर्व की तरफ या उत्तर-पूर्व की तरफ उत्तर की तरफ हो तो उत्तम फलों की प्राप्ति होती हैं.

उत्तर मुखी भवन का प्रवेश उत्तर या पूर्व-उत्तर में होना चाहिए. ऐसे प्रवेश द्वार से निरंतर धन, लाभ, वयापार और सम्मान में वृद्धि होती हैं.

दक्षिण मुखी भूखंड का द्वार दक्षिा या दक्षिण-पूर्व में कतई नहीं बनाना चाहिए. पश्चिम या अन्य किसी दिशा में मुख्य द्वार लाभकारी होता हैं.

उत्तर-पश्चिम का मुख्यद्वार लाभकारी है और व्यक्ति को सहनशील बनाता हैं. - मेन गेट को ठीक मध्य (बीच) में नहीं लगाना चाहिए. प्रवेश द्वार को घर के अन्य दरवाजों की अपेक्षा बड़ा रखें.

प्रवेश द्वार ठोस लकड़ी या धातु से बना होना चाहिए. उसके ऊपर त्रिशूलनुमा छड़ी लगी नहीं होना चाहिए. - द्वार पर कोई परछाई व अवरोध अशुभ माने गए हैं. ध्यान रखें, प्रवेश द्वार का निर्माण जल्दबाजी में नहीं करें.

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