भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां लगभग 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है.

 कृषि मशीनीकरण में भी भारत अब तेजी से विकास कर रहा है. आधुनिक खेती के लिए कई मशीनों की जरूरत होती है. ऐसे में ट्रैक्टर (Tractor) एक सबसे उपयोगी उपकरण है.

साथ ही यह किसानों का पसंदीदा कृषि यंत्र भी है. आधुनिक और उन्नत खेती करने के लिए ट्रैक्टर की जरूरत होती है.

आज के समय में इसके बिना खेती की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. 

ट्रैक्टर लैटिन शब्द से बना है जिसका अर्थ "खींचना" होता है. सर्वप्रथम ट्रैक्टर का निर्माण 19वीं शताब्दी में किया गया था. उस समय इसे वाष्प इंजन की सहायता से चलाया जाता था. 

लेकिन फिर कृषि उद्देश्यों के लिए 1812 में रिचर्ड ट्रेविथिक ने पहला भाप इंजन बनाया, जिसे बार्न इंजन के नाम से जाना गया.

1890 में जॉन फ्रोलिक ने ट्रैक्टर का एक नया डिजाइन बनाया, जो खेतों के काम को अच्छे से कर सकें. इसके बाद फ्रोलिक ने गैसोलीन और पेट्रोल से चलने वाले ट्रैक्टर का आविष्कार किया.

1919-1922 दशक में 100 से अधिक कंपनियां ट्रैक्टर का उत्पादन करने लगीं. बदलते समय के साथ ट्रैक्टर में भी बहुत से बदलाव किए गए. 1930 के दशक में रबर के पहिए की जगह स्टील के पहियों का इस्तेमाल किए जाने लगा. 

बात करें भारत की तो हरित क्रांति के बाद यहां कई विदेशी ट्रैक्टर कंपनी आई और ट्रैक्टर का उत्पादन किया. आजादी से पहले भारत में ट्रैक्टरों का आयात रूस से किया जाता था. उस समय भारत ट्रैक्टरों का निर्माण नहीं करता था. लेकिन आज के समय में भारत की खुद कई बड़ी कंपनियां है, जो ट्रैक्टर का उत्पादन करती है. वर्तमान समय में भारत में ट्रैक्टर उत्पादन में अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया है. 

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