क्रिप्टोकरेंसी के बारे में चौंकाने वाले तथ्य

 क्रिप्टोकरेंसी एक तरह का वित्तीय लेन-देन का तरीका है।

 जैसे भारत में लेन-देन के लिए रुपये का और अमेरिका में डॉलर का उपयोग होता है, उसी तरह क्रिप्टोकरेंसी का इस्तमाल भी लेन-देन में किया जाता है।

अंतर बस इतना है रुपये, डॉलर जैसी मुद्रा को देखा या स्पर्श किया जा सकता है, परंतु क्रिप्टोकरेंसी को आप न ही देख सकते हैं न ही छू सकते है। इसलिए इसे डिजिटल करेंसी भी कहा जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी इतिहास का पता 1980 की तारीख से लगाया जा सकता है।

1980 के दशक में क्रिप्टोकरेंसी को साइबरकरेंसी कहा जाता था,  बिटकॉइन के बनने के बाद क्रिप्टोकरेंसी मशहूर हो गई।

बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी है जिसे 2008 में सतोशी नाकामोतो ने बनाया था।

 कोई नहीं जानता कि सतोशी नाकामोतो एक वास्तविक व्यक्ति है या नहीं, और कोई नहीं जानता कि सतोशी नाकामोतो एक अकेला व्यक्ति है या लोगों का समूह।

बिटकॉइन ने नई तकनीक (new technology) का इस्तेमाल किया है जिसने क्रिप्टोकरेंसी स्पेस में क्रांति ला दी है।

क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है।

ब्लॉकचेन तकनीक इस सिद्धांत पर काम करती है कि सूचना को कई ब्लॉकों में संग्रहित किया जाता है।

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