पितृपक्ष मेले के लिए मशहूर गया शहर फल्गु किनारे बसा है.
फल्गु पौराणिक नदी है, इसकी कथा रामायण से जुड़ी है.
भगवान राम पितरों का पिंडदान करने गया आए थे.
किसी कारण उनके बदले मां सीता ने पिंडदान किया.
इसकी साक्षी फल्गु बनीं, मगर राम के पूछने पर मुकर गईं.
इस पर सीता ने फल्गु को अंतःसलिला होने का श्राप दिया.
बरसात में फल्गु उफनाती है, पर गर्मी में इसकी धारा सिकुड़ जाती है.
इसलिए अब फल्गु को गंगा से डैम के जरिये जोड़ा जा रहा है.
इससे फल्गु में हमेशा पानी रहेगा, जलसंकट नहीं होगा.