यूं तो अंगों के फड़कने पर हममें किसी का नियंत्रण नहीं होता है और यह एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन अंगों का फड़कना सामुद्रिक शास्त्र में बहुत खास मायने रखता है और यह आने वाले भविष्य के बारे में संकेत देता है। अलग-अलग अंगों के फड़कने का अर्थ भी अलग-अलग होता है। आइए जानते हैं किस अंग के फड़कने पर क्या होता है।
अगर किसी व्यक्ति का संपूर्ण मस्तक फड़कता है तो ऐसा माना जाता है कि उसे जल्द ही किसी दूर के स्थान पर जाना पड़ सकता है। सिर के मध्य भाग के फड़कने पर धन की प्राप्ति होती है। वहीं ललाल सामने की तरफ से मध्य से फड़के तो लाभदायक यात्राएं हो सकती हैं और नौकरी में प्रमोशन की खबर सुनने को मिल सकती है।
मस्तक के फड़कने के मायने
अगर किसी व्यक्ति की नाक फड़के तो यह आने वाले संकट की तरफ संकेत देती है। माना जाता है कि ऐसे लोग शीघ्र ही बिस्तर पकड़ लेते हैं। वहीं दूसरी ओर नाक के नथुने अंदर की तरफ से फड़कें तो ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति को सुख की प्राप्ति होती है। वहीं नाक जड़ की तरफ से फड़के तो यह पड़ोसियों से विवाद होने का संकेत देती है।
नाक के फड़कने का अर्थ
यदि किसी व्यक्ति का बांया कान फड़कता है तो ऐसा माना जाता है कि उसका कोई मित्र उसे याद कर रहा है। वहीं यदि किसी का दांया कान फड़कता है तो यह प्रफेशन के मामले में अच्छा समाचार मिलने का संकेत माना जाता है। यदि बाएं कान में अपने आप ही कुछ बजने की आवाज लगे तो बुरी खुबर सुनने को मिल सकती है।
कान का फड़कना बताता है यह बात
अगर किसी व्यक्ति का ऊपरी होंठ फड़के तो ऐसा माना जाता है कि शत्रुओं से समझौता हो जाता है। वहीं यदि दोनों होंठ फड़के तो माना जाता है कि कहीं से सुखद समाचार की प्राप्ति हो सकती है। अगर सिर्फ नीचे का होंठ फड़के तो ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति को कहीं से स्वादिष्ट भोजन के लिए न्यौता आ सकता है।
होंठ फड़फड़ाएं तो होता है यह