दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम ने किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन देने की एवज में अब नई शर्त लगा दी है, जिससे आवेदकों में हड़कंप मच गया है.

विभाग ने वर्ष 2012 से लेकर वर्ष 2022 तक उन सभी आवेदकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला किया है जिन्होंने सरकार से सोलर प्लेट की सब्सिडी प्राप्त की है.

विभाग के पत्र में साफ लिखा है कि उनको दोहरा कनेक्शन जारी नहीं किया जा सकता जिससे अब किसानों के चेहरों पर अपने आवेदन को लेकर चिंता की लकीरें बन गई हैं.

प्रदेश के दक्षिणी क्षेत्र में गहराते भूमिगत जलस्तर के कारण दो सौ से तीन सौ मीटर तक पानी का स्तर जा चुका है जिससे कृषि या पेयजल के लिए पानी की किल्लत बढती जा रही है. इस क्षेत्र में नहरी पानी न के बराबर बहने से कृषकों को मजबूरीवश बिजली संचालित ट्यूबवेल के पानी पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है.

वर्ष 2010 में इस क्षेत्र को डार्कजोन घोषित कर भूमिगत जलस्तर निकासी के लिए पेयजल संबधी योजना के अलावा ट्यूबवेल के किसी तरह के नए कनेक्शनों पर पूर्णतया रोक लगा दी थी लेकिन कई किसानों के न्यायलय में जाने के बाद सरकार ने वर्ष 2012, वर्ष 2018 में नए आवेदन तो प्रापत किए, लेकिन आज तक एक किसान को भी नया कनेक्शन जारी नहीं किया गया है.

वर्ष 2021 के अंतिम पखवाड़े में सरकार ने क्षेत्र को डार्कजोन में छूट देते हुए नए आवेदक किसानों से प्रार्थना पत्र लेकर उनको मात्र तीन माह में नया कनेक्शन जारी करने का आश्वासन देते हुए उनको तुरंत तीस हजार रुपये प्रति आवेदक विभाग को जमा करवाने का आदेश दिया, जिसका उपभोक्ताओं ने हाथों हाथ स्वीकार करते हुए सरकारी कोष में जमा भी करवा दिया.

लेकिन अब विभाग ने अचानक फैसला लेकर किसानों को जोर का झटका धीरे से देने का काम किया है.

विभाग ने खंड के 48 किसानों को पत्र भेजकर बताया कि आपने पहले सरकार से सब्सिडी लेकर कनेक्शन प्राप्त किया है इसलिए बिजली विभाग उनके ट्यूबवेल कनेक्शन जारी नहीं करेगा और वह एक सप्ताह में दोहरा कनेक्शन लेने के मामले पर अपना स्पष्टीकरण भी विभाग में जमा करवाएं.

विभाग के पत्र जारी होते ही किसान संगठनों में गहरा रोष पैदा हो गया है और उन्होंने अगले सप्ताह आंदोलन शुरु करने का अल्टीमेटम दिया है.

पानी ज्यादा गहरा होने के कारण इनसे मात्र पीने योग्य पानी की ही आपूर्ति हो पाती है लेकिन बिजली विभाग ने अब बताया है कि वह कनेक्शन नहीं लेना चाहिए था.

भाकियू अध्यक्ष धर्मपाल बाढड़ा, भाकियू महासचिव हरपाल भांडवा, पूर्व सरपंच गिरधारी मोद, रणधीर हुई, नरेन्द्र फौजी काकड़ौली, विनोद शर्मा इत्यादि ने बताया कि.. 

 इस मामले पर 1 मई रविवार को सभी आवेदक किसानों की बैठक आयोजित कर आगामी माह में बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला व सांसद धर्मबीर सिंह को मांगपत्र देकर समाधान की मांग करेंगे.

आपकी इस खबर पर क्या राय है? क्या बिजली विभाग अपना फैसला पलटेगा?

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