मसूरी (279 किमी) : जब तक पहाड़ों की रानी की बात ना हो, तब तक पहाड़ो की बात अधूरी है. 6500 फुट से ज्यादा ऊंचाई वाले मसूरी में ठंडी हवा, साफ आसमान और खिलखिलाती धूप का मेल-जोल इसे गर्मियों में बेहद खूबसूरत बना देता है.

नैनीताल (287 किमी) : 3०० किमी के भीतर दिल्ली के निकट एक सबसे जाना-माना हिल स्टेशन, नैनीताल किसी परिचय का मौहताज नहीं है. यह उत्तराखंड राज्य में करीब 6830 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. देश भर से लोग यहां यादगार समय के लिए अपने परिवार, दोस्तों या पार्टनर के साथ यात्रा करते हैं.

भीमताल ( 296 किमी) :  दिल्ली के पास एक और लाजवाब हिल स्टेशन है भीमताल. नैनीताल की ही तरह भीमताल भी एक प्राकृतिक झील के आसपास स्थापित है; यह झील नैनीताल की तुलना में बहुत बड़ा है समुद्र तल से 4500 फीट की ऊंचाई वाले इस शहर में दुनियाभर से घूमने आने वालों का तांता लगा रहता है.

नौकुचिया ताल (306 किमी) : चीड़ के पेड़ों से घिरा, बड़ी झील के पास बसा, नौकुचियाताल शांति चाहने वालों के लिए एकदम सही जगह है . लगभग 4000 फीट की ऊंचाई पर स्थित, इसके प्राकृतिक जलस्त्रोत के नौ कोने हैं इसलिए इसे नौकुचिया कहा जाता है.

सातताल (313 किमी) : झिलमिलाती झीलों से घिरा होना चाहते हैं? तो फिर सातताल आइये इसका नाम यहां की सात झीलों पर पड़ा है. इस समुद्र तल से 4500 फुट ऊपर ये जगह चीड़ के पेड़ों से घिरी है और इसकी अपनी एक अलग महक है.

रानीखेत (337 किमी) : जब आप रानीखेत जाएं तो कैमरा ले जाना ना भूलें क्योंकि आप यहां के बर्फ से ढके हुए पहाड़ देखने की यादों को ना सहेजने की भूल नहीं करना चाहेंगे. अविश्वसनीय रूप से हरा और शांत वातावरण आपको रोज-मर्राह के काम के बोझ से आजादी दिलाने के लिए बहुत अच्छी जगह है.

चैल (340 किमी) : 7300 फीट ऊंचाई पर, हिमाचल प्रदेश में यह छोटा सा गांव दुनिया के ऊंचे क्रिकेट मैदान के लिए जाना जाता है. चूंकि यह अभी तक बहुत कॉमर्शियल नहीं है, यह हिमालय की दूसरी पड़ाडियों की तुलना में ज्यादा शांत पहाड़ी है. 

अल्मोड़ा (346 किमी) : नैनीताल से लगभग 60 किमी दूर, उत्तराखंड में एक और आकर्षक शहर है अल्मोड़ा. ये भी दूसरी जगहों की तुलना में कम जाना जाता है  इसलिए यहां आपको वो शांति जरूर मिलेगी जो आप चाहते हैं . लगभग 5380 फीट की ऊंचाई के चलते यहां मौसम सुहाना ही रहता है. 

शिमला (360 किमी) : ठंडा मौसम,  हरे-भरे देवदार और अंग्रेजों के जमाने की भव्यता आपको शिमला में आने के बाद दीवाना बना देगी. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में समुद्र तल से 7000 फीट से ऊपर की ऊंचाई है, जिसके चलते यहां गर्मियों में बेहद सुखद मौसम होता है.

औली (364 किमी) : समुद्र तल से 10000 फीट से ऊपर की ऊंचाई वाला औली गर्मियों में दिल्ली के पास सबसे ठंडे पहाड़ी स्टेशनों में से एक है. गर्मियों के मौसम के दौरान ये घास की कालीन से ढक जाता है, और उसपर यहां की खिलखिलाती धूप आपके मन को मोह लेती है.

कुफरी (374 किमी) : सर्दियों में एक स्की रिज़ॉर्ट, कुफरी गर्मियों में हरी-भरी घास के एक कालीन से ढक जाता है. जब भी आप शिमला जाते हैं तो कुफरी जाना नहीं भूलते क्योंकि कुफरी शिमला से केवल 17 किमी दूर है. यह समुद्र तल से 8600 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर है, जिसका मतलब है कि यहां तापमान गर्मियों में भी कम ही रहता है.

नारकंडा (420 किमी) : गर्मियों के मौसम में पर्वतों में सुकून का आनंद लेने के लिए एक और बेहतरीन पहाड़ी जगह नारकंडा भी शिमला से बहुत दूर नहीं है; इसलिए, हिमाचल की राजधानी में जब आप जाएं, यहां जाना ना भूलें.

धर्मशाला (475 किमी) : 20000 फीट ऊंची धौलाधर की पहाड़ियों से घिरा, धर्मशाला हिमाचल की शान है. यहां आकर कुदरती खूबसूरती को निहारने का मजा एकदम अलग है. धर्मशाला के लिए ड्राइव काफी मजेदार है क्योंकि सड़क सुंदर कंगड़ा घाटी से गुजरती है, इसलिए यहां दिल्ली से कार से आना बेहतर है.

कासोल (521 किमी) : आजकल, 18-30 के युवाओं में लगभग हर कोई कासोल जाने के लिए उतावला रहता है. समुद्र तल से लगभग 5180 फीट की ऊंचाई पर बसा कसोल, एकल यात्रियों, कॉलेज के छात्रों और युवाओं की पसंदीदा जगहों में से एक है.

खज्जर (589 किमी) : मिनी स्विट्ज़रलैंड के नाम से मशहूर खज्जर भर के लोगों, खासकर परिवारों और नवविवाहित लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय है. हरे-भरे देवदारों और चरागाहों के बीच एक छोटी सी झील, इसे देखकर आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि काश मैं अपने लिए यहां एक घर बना सकता.

सोलांग घाटी (565 किमी) : अगर आप एडवेंचर करना चाहते हैं  तो मनाली से केवल आधा घंटे की ड्राइव के बाद सोलांग घाटी जरूर जाइये. इसके घास के मैदान और खुली जगहों ने इसे हनीमून मनाने वाले जोड़ों और बच्चों के साथ घूमने आए परिवारों के लिए एक पसंदीदा जगह बना दिया है.

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