एक वैश्विक सर्वेक्षण के अनुसार न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में महिलाओं में आक्रोश की भावना बढ़ रही है। लोगों में तनाव और क्रोध का स्तर तेजी से बढ़ रहा है और यह महिलाओं के लिए विशेष रूप से सच है।
चौंकाने वाला खुलासा
हाल ही में हुए एक वैश्विक अध्ययन में पाया गया कि पिछले एक दशक में लोगों की भावनाओं में काफी बदलाव आया है। गैलप वर्ल्ड पोल नामक अध्ययन में 150 देशों में 12 लाख लोगों का सर्वेक्षण किया गया। नतीजे बताते हैं कि लोग 2012 की तुलना में समग्र रूप से अधिक सकारात्मक महसूस कर रहे हैं।
सर्वे का नतीजा
दुनिया तेजी से बदल रही है और इससे लोगों की भावनाएं प्रभावित हो रही हैं। गैलप के एक सर्वे के मुताबिक, पिछले एक दशक में महिलाओं का गुस्सा 6 फीसदी बढ़ा है। यह एक वैश्विक प्रवृत्ति है, लेकिन यह विशेष रूप से भारत और पाकिस्तान में स्पष्ट है, जहां महिलाओं में क्रोध का स्तर पुरुषों की तुलना में दोगुना है।
महिलाओं और पुरुषों का इमोशंस पोल
भारत में पुरुषों और महिलाओं में बहुत गुस्सा और आक्रोश है। पुरुष लगभग 27.8 प्रतिशत समय क्रोधित होते हैं, जबकि महिलाएं लगभग 40.6 प्रतिशत समय क्रोधित होती हैं। यह आपको चौंका सकता है।
इस सवाल का कोई एक जवाब नहीं है, क्योंकि किसी को ज्यादा गुस्सा आने के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं। हालाँकि, कुछ संभावित स्पष्टीकरणों में हार्मोन, तनाव, या ऐसा महसूस करना शामिल हो सकता है कि आपको सुना नहीं जा रहा है या सम्मान नहीं दिया जा रहा है।
2019 में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का लोगों की भावनाओं पर बड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ा। फ्रस्ट्रेशन, हाइपर टेंशन और गुस्से की समस्या तेजी से बढ़ी। यह उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से सच था जिन पर घर को संभालने और सामने आने वाली सभी समस्याओं से निपटने की जिम्मेदारी थी। दशक के अंतिम दो वर्षों ने महिलाओं में क्रोध की आदत को और बढ़ा दिया है। दुनिया में ज्यादातर महिलाएं अब अधिक शिक्षित और आत्म निर्भर हैं। बढ़ती नौकरी की संस्कृति ने उन्हें और अधिक आत्मविश्वास दिया है और वे अनुचित व्यवहार के खिलाफ तेजी से मुखर हो रहे हैं। हालांकि कई परिवारों की द्वेषपूर्ण सोच बरकरार है, लेकिन अधिकांश घरों की महिलाएं अब कहीं न कहीं अपना आक्रोश व्यक्त कर रही हैं।
क्या है ऐसा होने की वजह?
महिलाएं जो गुस्सा महसूस कर रही हैं वह कार्यस्थल में भेदभाव के कारण है। इसमें पुरुषों की तुलना में कम भुगतान किया जाना, या उन्नति के समान अवसर नहीं दिए जाने जैसी चीजें शामिल हैं। हालांकि यह कहना आसान हो सकता है कि यह गुस्सा गलत है, लेकिन इसके पीछे के कारणों को समझना जरूरी है।
महिलाओं के क्रोधित होने का कारण यह है कि कार्यस्थल पर उनके साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि उन्हें पुरुषों जितना वेतन नहीं मिल रहा है, या उन्हें अपने करियर में आगे बढ़ने के समान अवसर नहीं दिए जा रहे हैं। यह कहना आसान है कि यह गुस्सा गलत है, लेकिन आप इसकी वजह को नजरअंदाज नहीं कर सकते।
महिलाओं के लिए आत्मविश्वासी और सफल होना और इसे सकारात्मक तरीके से दिखाना महत्वपूर्ण है। अगर हम सब मिलकर काम करें, तो हम महिलाओं के प्रति समाज के नजरिए को बदल सकते हैं और चीजों को सबके लिए बेहतर बना सकते हैं।