अब भारत में बनी AK-203 असॉल्ट राइफल दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए आ गया है। पीएम मोदी की रूस यात्रा से पहले ही इंडो रशिया राइफल्स प्राइवेट लिमिटेट ने भारतीय सेना को 35 हजार AK-203 असॉल्ट राइफल सौंप दी हैं। ये राइफलें उत्तर प्रदेश के अमेठी में बनीं हैं। आपको बता दें आइआरपीएल भारत एवं रूस का संयुक्त उपक्रम है। इसलिए पीएम मोदी की रूस यात्रा महत्वपूर्ण है।
2019 में पीएम मोदी ने अमेठी के कोरवा में लगी फैक्ट्री की नींव रखी थी। 2021 में भारत-रूस के बीच हुए एग्रीमेंट के बाद यहां राइफल निर्माण का काम शुरू हुआ था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यहां भविष्य में 7 लाख AK-203 राइफल का निर्माण किया जाएगा।
चलिए जानते हैं AK-203 असॉल्ट राइफल की खासियत
AK-203 असॉल्ट राइफल, AK-200 राइफल का एडवांस्ड वर्जन है, जो भारतीय सेना द्वार पहले से ही इस्तेमाल किया जा रहा है। AK-203 असॉल्ट राइफल की फाइरिंग रेंज 400 से 800 मीटर हैं। हालांकि, यह साइट एडजस्टमेंट पर निर्भर करती है। नई राइफल में बदलाव वर्तमान में सेना की जरूरत को देखते हुए किए गए हैं। यह राइफल 1 मिनट में 700 राउंड फायर कर सकती है।
नई राइफल की डिलीवरी से पहले भारतीय सेना ने इसकी टेस्टिंग की और सफल परीक्षण के बाद इसकी डिलीवरी की गई। भारत में इसके निर्माण से पहले इसकी 75 हजार यूनिट रूस ने भारतीय सेना को दी की थी। पिछले साल इस राइफल की 5 हजार यूनिट बनाई चुकी है। अमेठी में बनीं 35 हजार राइफल्स सेना को डिलीवर कर दी गई हैं। आत्मनिर्भर भारत के मेक इन इंडिया अभियान के तहत इनका निर्माण किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में अमेठी में तैयार होने वाली इन राइफल्स की सबसे बड़ी खेप थल सेना को दी गई है. कम संख्या में यह राइफल्स वायुसेना और नौसेना को भी सौंपी जाएगी।